झारखंड: सिमडेगा, खूंटी और गुमला के बच्चों के लिए हॉकी की दुनिया में एक नई उम्मीद की किरण जगाई जा रही है। सीनी टाटा ट्रस्ट ने 2016 से इन जिलों में ग्रासरूट लेवल पर हॉकी प्रशिक्षण देकर बच्चों को हॉकी के मूल सिद्धांत सिखाए हैं। अब, इस प्रयास को और भी उच्च स्तर पर ले जाते हुए, इन क्षेत्रों के बच्चों को नीदरलैंड के बेस्ट कोच से प्रशिक्षण मिलने जा रहा है।
सीनी टाटा ट्रस्ट ने पिछले आठ वर्षों में दस हजार बच्चों को हॉकी के गुर सिखाए हैं और अब उन बच्चों को अवसर मिलेगा, जो इस खेल में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। ये बच्चे अब नीदरलैंड के अंतरराष्ट्रीय कोचों से हॉकी की उच्च तकनीक सीखने में सक्षम होंगे। झारखंड के हॉकी कोच भी इन कोचों से बेहतर प्रदर्शन की रणनीतियों और तकनीकों को सीखेंगे, ताकि वे अपने छात्रों को उच्च स्तर का प्रशिक्षण दे सकें।
उमेश राणा, सीनी टाटा ट्रस्ट के कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया, "हमने हमेशा गांवों में ग्रासरूट स्तर पर बच्चों को हॉकी सिखाया है, और जो बच्चे बेहतर प्रदर्शन करते हैं, उन्हें आरडीसी में एडवांस हॉकी प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बाद, हम इन बच्चों को एलीट हॉकी कोचिंग सेंटरों में भेजते हैं जैसे कि टाटा नवल हॉकी एकेडमी, साईं, और एमएजी बंगलोर, जहां वे अपने खेल को और बेहतर बना सकते हैं।"
इस कार्यक्रम के तहत नीदरलैंड की ब्लूमेंडल क्लब की महिला टीम तीन दिवसीय दौरे पर खूंटी आ रही है। इस टीम के सदस्य 31 जनवरी से 2 फरवरी तक खूंटी के ब्लू एस्ट्रोटर्फ मैदान पर बच्चों को हॉकी के उन्नत तकनीक सिखाएंगे। पहले दिन, नीदरलैंड के कोच और खिलाड़ी कम्युनिटी के लोगों से मिलेंगे और बच्चों को हॉकी की तकनीक के बारे में जानकारी देंगे। अगले दिन, झारखंड की महिला हॉकी टीम के साथ एक फ्रेंडली मैच खेला जाएगा, जिससे खूंटी, गुमला और सिमडेगा के बच्चे हॉकी की बारीकियों को सीख सकेंगे।
यह कार्यक्रम न केवल इन बच्चों को अपने हॉकी करियर को बेहतर बनाने का मौका देगा, बल्कि इसे झारखंड के हॉकी का भविष्य भी कहा जा सकता है। सीनी टाटा ट्रस्ट की यह पहल खूंटी, गुमला और सिमडेगा के बच्चों के लिए हॉकी की दुनिया में नए अवसरों के द्वार खोलेगी।