झारखंड के लातेहार जिले में माओवादियों के आंतरिक विवाद के कारण 15 लाख रुपये के इनामी माओवादी कमांडर छोटू खरवार की हत्या कर दी गई। पुलिस ने जंगल में सर्च ऑपरेशन के दौरान छोटू का शव बरामद किया। इस घटना ने माओवादी संगठनों के भीतर जारी आपसी अविश्वास और सत्ता संघर्ष को उजागर किया है।
क्या है मामला?
पलामू रेंज के डीआईजी वाईएस रमेश ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला आपसी रंजिश और संगठन के आंतरिक मतभेदों का परिणाम प्रतीत हो रहा है। छोटू खरवार लंबे समय से एनआईए और झारखंड पुलिस के लिए वांछित था। उसके खिलाफ राज्य में कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे, और वह माओवादी गतिविधियों के संचालन में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा था।
पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि इस हत्या के पीछे की वास्तविक वजह का पता लगाने के लिए जांच जारी है। साथ ही, पुलिस ने माओवादी संगठन के अन्य सदस्यों की तलाश तेज कर दी है।
माओवादी संगठन के लिए बड़ा झटका
छोटू खरवार की हत्या से माओवादी संगठन की अंदरूनी कलह और कमजोर होती संरचना सामने आई है। पुलिस का मानना है कि इस घटना से माओवादी संगठनों के मनोबल पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है और इससे उनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि माओवादी संगठनों में बढ़ते आंतरिक संघर्ष से उनके संचालन और शक्ति संरचना पर नकारात्मक असर पड़ेगा। यह घटना झारखंड में माओवाद के कमजोर होने के संकेत हो सकते हैं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस घटना को माओवादियों के खिलाफ अभियान को तेज करने के अवसर के रूप में देख रही हैं। क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई जारी रहेगी।